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Tuesday, June 29, 2010

अमृत वचन





Subject: अमृत वचन



अपनी सहनशक्ति को बढ़ाने का प्रयास करो। कभी-कभी अपने कानों को अपने विरोध के स्वर सुनना भी सिखाओ । सदैव अपनी प्रशंसा के शब्द सुनने को उत्सुक मत रहो। विपरीत परिस्थिति में भी मुस्कराने का प्रयास करो कि इसमें भी कुछ भला है। कभी वह भोजन भी करो जो आपको पसंद नहीं । कभी-कभी भगवान से उनके लिए भी दुआएँ माँगो जिनका आप सदा बुरा चाहते हो। इससे आपकी सोचने की शक्ति में सुधार होगा, आत्मा भी बलवान होगी।



परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज



Try to boost your endurance in all aspects of your life. Sometimes let your ears listen to the opposition instead of always being eager to listen to words of praise. Try to smile even in the face of adversity, because even in adversity there might be some good. Sometimes eat foods that might not be your favorite. Sometimes ask God's blessings for those you might not wish well. By doing these activities your thinking power will improve and your soul will become strong as well.


Translated by Humble Devotee
Praveen Verma









: अमृत वचन





Subject: अमृत वचन



हमेशा याद रखिए दुर्बलता की बातें करने से, दुर्बलता की बातें सोचने से कोई भी व्यक्ति शक्तिवान नहीं होता। शक्ति को याद करके, शक्ति को पहचान कर अपने अन्दर की खोई हुई शक्ति को जगाकर ही आप बलवान बन सकते हैं । किस्मत को कोसना बन्द कर दीजिए । इससे कुछ भी फ़ायदा होने वाला नहीं है। इतना याद कर लीजिए, विकास पर हमें ध्यान देना है।



परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज



Always remember you can not be strong if you keep thinking about your shortcomings or weaknesses. Remembering strength and recognizing it, one can awaken inner strength that has been lost. Stop blaming fate or destiny. One can not gain anything by doing this. Just remember this that we need to focus on growth or progress.


Translated by Humble Devotee
Praveen Verma








: अमृत वचन





Subject: अमृत वचन



बच्चों को भले ही आप धन- दौलत और सम्पत्ति मत दो, किन्तु उन्हें अच्छे संस्कार अवश्य दो। अच्छे संस्कार सुगन्धित पुष्प की तरह हैं, जो जहाँ खिलेंगे, वहीं खुशबू फ़ैलायेंगे। आपका और आपके परिवार का नाम रोशन होगा।



परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज



You may not be able to give your children a lot of money and wealth but you must give them good morals and values. Good morals and values are like fragrant flowers, wherever they bloom, they will spread fragrance and bring a good name to you and your family.


Translated by Humble Devotee
Praveen Verma










अमृत वचन





Subject: अमृत वचन



कुछ भी हो इस बात का ध्यान रखना कि अपने अन्दर निराशा के विचार नहीं आने देना। ये जो आप किसी महान पुरुष के संग में जाकर बैठते है, वहाँ से जो आपको विचारों के बीज मिलते है वे बीज ऐसे हैं जैसे किसी ने फ़ूलों के बीज दे दिए हों । अपने मन में उन्हें रखिए। प्यार से सीचिये। श्रद्धा से उन पर चिन्तन कीजिये, थोड़े दिनों के बाद वे फ़ूल बनकर प्रकट होगें और जब प्रकट होगें तो अपना सौंदर्य लेकर ही नहीं, बल्कि अपनी खुशबू से आपके जीवन को महका देगें।




परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज



Regardless of what happens in your life, always remember to not let thoughts of despair enter into your mind. When you are in the company of great people and receive seeds of wisdom, treat those seeds like seeds of flowers. Keep them in your mind. Nourish them with love. Reflect upon them with firm conviction. In a few days those seeds of wisdom will become beautiful folwers that will enrich your life with beauty and fragrance.




Translated by Humble Devotee


Praveen Verma










अमृत वचन





Subject: अमृत वचन



जीवन में जब भी कुछ सुखद क्षण मिलते है तो लगता है कि समय यहीं रुक जाय, वक्त बीत न जाए, हमारी सुख की स्थिति छिन न जाए। इसलिए आदमी अपने सुख को सुरक्षित रखना चाहता है, खो देना नहीं चाहता। खो जाने का डर आ जाए, तो मन में चिन्ता आने लगती है, लेकिन आनन्द वह चीज है जिसके खोने का कोई डर नहीं होता।





परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज


Whenever we have a happy moment in our life, it is logical to want the time to stop so that we can live in that happy moment forever. We don't want our happiness to be taken away. It is natural to want to protect happiness and not lose that feeling. The thought of losing happiness may breed fear and cause us to worry. But, we should fear not as we can not lose the feeling of our bliss.


Translated by Humble Devotee
Praveen Verma









अमृत वचन





Subject: अमृत वचन



जिन्दगी के हर कदम में, हर क्षण में कोई न कोई रिस्क होगा, कोई न कोई जोखिम होगा और जो जोखिम हैं वो आपको हिलाएँगें जरुर । बन जाओ ऐसे बहादुर कि जोखिम का सामना करने के लिए तैयार हो सको। जो जोखिम का सामना कर सकता है बस उसी को विजयमाला मिला करती है।



परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज




There is some risk or uncertainty involved in every step of life and in every moment. The uncertainty will shake you. Be brave so that you can face the risk. If you can face the risk, then you will be successful.


Translated by Humble Devotee
Praveen Verma









Saturday, June 26, 2010

हर भक्त की पुकार




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हर भक्त की पुकार अपने सद्गुरुजी के लिए एक ही होती है और वह है।

तेरा जलवा जहाँ होगा।

मेरा सजदा वह होगा।

मेरे जैसे तो लाखो होंगे।

पर तेरे जैसा प्यारा कहाँ होगा।
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

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Niranjan Manju Agarwal द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 6/21/2010 08:15:00 AM को पोस्ट किया गया

Friday, June 25, 2010

गुरु वाणी




गुरु वाणी




जिज्ञासा प्रारंभ में परमात्मा ने हमको दी और हमारी कोशिश होनी चाहिए की इस जिज्ञासा को हम मरने न दें क्योकि हम इस संसार में जानने के लिए आये हैं।


गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश


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Rashmi द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL-Good thoughts by SUDHANSHUJI Maharaj के लिए 6/22/2010 11:22:00 PM को पोस्ट किया गया

Thursday, June 24, 2010

सम्बन्ध


सम्बन्ध
दांत और आंत का
धर्म और कर्म का
भाव और मर्म का
धरा और गगन का
माली और चमन का
विचार और मनन का
भक्त और नमन का
शक्ति और सृजन का
नीद और स्वप्न का
कुसंग और पतन का
परिवार और प्यार का
नाव और पतवार का
बाग़ और बहार का
पंछी और तरुवर का
शिष्य और गुरु का
गुरुवर सुधांशु जी महाराज

Saturday, June 19, 2010

अमृत वाणी


हरी ॐ
जितना मनुष्य संसार के पीछे भागता है उतना ही अगर भगवान के पीछे भागकर देखे तो क्या नहीं पा सकता ?
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश

Thursday, June 17, 2010

गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म

गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म



गुरुपूर्णिमा महोत्सव के देशव्यापी कार्यकर्म

पुणे महाराष्ट्र

२ और ३ जुलाई

सम्पर्क सूत्र, ०९४२२३१७१९०,०९८२३०१५१०७,०९८५०३०८३१९,०९३७१००२३९४



पंचकुला ,चंडीगढ़

१० और ११ जुलाई

sampark सूत्र ,०१७२-३२०१३०० ,०९८१४०१२५०२,०९८१४०१२५०३



थाणे .मुंबई

४ जुलाई

स्थान =वरदान लोक आशरम

सम्पर्क सूत्र ०९८७०४०२०१०,०९८२१०५१९४२



कानपुर ,उ.प्र।

१८ जुलाई

सम्पर्क सूत्र 09336226811