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Friday, October 5, 2012

परमात्मा द्वारा निर्मित

परमात्मा द्वारा निर्मित इस संसार रूपी उपवन में सुन्दर पौधे,,अनेक प्रकार की औषधियों से युक्त वृक्ष,,हरियाली से भरपूर शाखाएं और पत्तियां शोभायमान हैं..लेकिन यदि पौधों पर फूल न लगे हों और वृक्षों की डालियों में फल न लगे हों,,तो उपवन सुन्दर होते हुए भी सारविहीन सा हो जाता है..ठीक इसी प्रकार,,धरती पर जन्म लेने वाले मनुष्य संसार में बहुत हैं लेकिन जिनके जीवन से सुख और शांति की ख़ुशबू न आए,,जिनके जीवन में कहीं कोई रसदार फल न लगा हो,,तो इसका मतलब है कि वे मनुष्य सौन्दर्य विहीन हैं..इस धरती पर शांति,,प्रसन्नता,,प्रफुल्लता,,सुख,,संतोष,,आनंद,,उत्साह,,उल्लास ये मानवता के लिए फल और फूल की तरह हैं..अगर किसी के जीवन में ये दिखाई देते हों तो समझना कि उन्होंने परमात्मा की कृपा के कणों को अपनी झोली में समेटा है,,उसने मानव जीवन रूपी वृक्ष को संसार के बगीचे में सजाया है,,ईश्वरीय अनुपम भेंट को भार नहीं,,उपहार माना है..सुधांशुजी महाराज

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