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Monday, October 29, 2012
Saturday, October 27, 2012
Tuesday, October 23, 2012
अति विशवास किसी पर न करे
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Saturday, October 20, 2012
भला आदमी दूसरों के भड़काने से भड़कता नहीं..मनुष्य...
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
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Friday, October 12, 2012
****दुनिया में हर चीज अनमोल है****
****दुनिया में हर चीज अनमोल है****
एक शिष्य ने पढ़ाई खत्म करने के बाद घर जाते समय अपने गुरु को स्वर्ण मुद्राएं गुरु दक्षिणा में दी। तब गुरुदेव बोले ये तो तुम्हारे काम की है मुझे तो गुरुदक्षिणा में वो चीज दो जो तुम्हारे काम की न हो। इतना सुनकर शिष्य अपने हाथों में मिटटी भर कर ले आया और बोला ये मेरे किसी काम की नहीं है आप इसे अपने पास रख लीजिए । इतने में मिटटी बोली कि मुझे बेकार समझा है अगर मैं न रहूं तो अनाज कैसे प
ैदा होगा तुम भूखे मर जाओगे। फिर शिष्य पत्थर के टुकड़े ले आया और गुरु को देने लगा तभी पत्थर बाले कि हम नहीं होगें तो मकान कैसे बनाओगे कहां रहोगे।फिर वह गंदगी ले आया और बोला ये तो किसी काम की नहीं है। आप इसे अपने पास रख लीजिए तभी गन्दगी बोली मुझे व्यर्थ समझते हो अगर मैं नहीं रहूंगी तो खाद कैसे बनेगी।
तब गुरु ने कहा कि यह भी व्यर्थ नहीं है तब गुरुदेव ने समझाया कि इस जगत में कोई भी चीज व्यर्थ नहीं है आदमी केवल अपने अहम के कारण कई चीजों को व्यर्थ समझने लगता है । तब उस शिष्य ने अपना अहम ही गुरु को दक्षिणा में देकर एक आदर्श शिष्य बना। .
बात छोटी -ज्ञान बड़ा
बात छोटी -ज्ञान बड़ा
सहयोग करो ................................सहयोग सिखाओ
प्रेम बांटो .....................................प्रेम लो
जो बांटोगे ...................................वही मिलेगा
सजग रहो ...................................सरल रहो
चलते रहो ...................................कार्यरत रहो
सेवा करो ....................................मेवा पाओ
अंत मति ...........................दो गति
एक चुप .............................सौ सुख
र्रात्रि बीतेगी .......................सुप्रभात होगी
समर्पण कीजिए ..................निश्चिन्ता आएगी
मीठा बोलो .........................कड़वा सहो
जिंदगी सजाओ ...................सुविचार लाओ
विष पीओ ..........................अमृत बांटो
ज्ञाता बनो ..........................भोक्ता नहीं
अपना हाथ ........................जगन्नाथ
धन्यवाद करो .....................शिकायत नहीं
ज्ञान आएगा .......................मूर्खता घटेगे
Saturday, October 6, 2012
आज का विचार -27/9/11
अपने को बदलने में विश्वास रखिए, दूसरों से बदला लेने की इच्छा नहीं करें ।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Believe in changing yourself and don't wish to take revenge on others.
Translated by Humble Devotee
Praveen Verma
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Friday, October 5, 2012
परमात्मा द्वारा निर्मित
परमात्मा द्वारा निर्मित इस संसार रूपी उपवन में सुन्दर पौधे,,अनेक प्रकार की औषधियों से युक्त वृक्ष,,हरियाली से भरपूर शाखाएं और पत्तियां शोभायमान हैं..लेकिन यदि पौधों पर फूल न लगे हों और वृक्षों की डालियों में फल न लगे हों,,तो उपवन सुन्दर होते हुए भी सारविहीन सा हो जाता है..ठीक इसी प्रकार,,धरती पर जन्म लेने वाले मनुष्य संसार में बहुत हैं लेकिन जिनके जीवन से सुख और शांति की ख़ुशबू न आए,,जिनके जीवन में कहीं कोई रसदार फल न लगा हो,,तो इसका मतलब है कि वे मनुष्य सौन्दर्य विहीन हैं..इस धरती पर शांति,,प्रसन्नता,,प्रफुल्लता,,सुख,,संतोष,,आनंद,,उत्साह,,उल्लास ये मानवता के लिए फल और फूल की तरह हैं..अगर किसी के जीवन में ये दिखाई देते हों तो समझना कि उन्होंने परमात्मा की कृपा के कणों को अपनी झोली में समेटा है,,उसने मानव जीवन रूपी वृक्ष को संसार के बगीचे में सजाया है,,ईश्वरीय अनुपम भेंट को भार नहीं,,उपहार माना है..सुधांशुजी महाराज
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